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दिल्ली में रोहिंग्याओं के बसने के स्थान बताए एनजीओ : उच्चतम न्यायालय

ByParyavaran Vichar

Feb 1, 2025

नई दिल्ली: न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति एन0 कोटिश्वर सिंह की पीठ ने एनजीओ ‘रोहिंग्या ह्यूमन राइट्स इनिशिएटिव’ की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कॉलिन गोंजाल्विस से दिल्ली में रोहिंग्याओं के बसने के स्थानों का जिक्र करते हुए हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया। गोंजाल्विस ने कहा कि एनजीओ ने रोहिंग्या शरणार्थियों को स्कूलों और अस्पतालों तक पहुंच उपलब्ध कराने की मांग की है, क्योंकि आधार कार्ड न होने के कारण उन्हें प्रवेश नहीं दिया जा रहा है।उन्होंने कहा, ‘‘वे शरणार्थी हैं, जिनके पास यूएनएचसीआर (शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र उच्चायुक्त) कार्ड हैं और इसलिए उनके पास आधार कार्ड नहीं हो सकते। लेकिन, आधार कार्ड न होने के कारण उन्हें स्कूलों और अस्पतालों तक पहुंच नहीं दी जा रही है।’’



पीठ ने कहा कि चूंकि अदालत के समक्ष कोई पीड़ित पक्ष नहीं बल्कि एक संस्था है, इसलिए एनजीओ को हलफनामा दाखिल कर रोहिंग्याओं के बसने के स्थानों के बारे में बताना चाहिए, जिसमें यह भी स्पष्ट किया जाना चाहिए कि वे शिविरों में रहते हैं या आवासीय कॉलोनियों में हैं। गोंजाल्विस ने कहा कि रोहिंग्या शरणार्थी दिल्ली के शाहीन बाग, कालिंदी कुंज और खजूरी खास इलाकों में रहते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘शाहीन बाग और कालिंदी कुंज में वे झुग्गी-झोपड़ियों में रह रहे हैं और खजूरी खास में वे किराए के मकानों में रह रहे हैं।’’ मामले की अगली सुनवाई 10 फरवरी को होगी।

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