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Paryavaran Vichar

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भाजपा-कांग्रेस के दो दिग्गजों में जारी जुबानी जंग, शुक्ला के बिगड़े बोल

ByParyavaran Vichar

Apr 16, 2024

ऊधम सिंह नगर। लोकसभा चुनाव के रण में किच्छा विधानसभा सीट पर सियासी प्रतिद्वंद्वी विधायक तिलकराज बेहड़ और पूर्व विधायक राजेश शुक्ला आमने-सामने हैं। एक जनसभा में शुक्ला अपने संबोधन में बेहड़ पर तंज कसते हुए उनके स्वास्थ्य पर अमर्यादित टिप्पणी कर गए। इस पर बेहड़ ने पलटवार कर शुक्ला के बयान के बहाने न सिर्फ भाजपा के शीर्ष नेतृत्व को घेरा, बल्कि इसे अपने समाज का अपमान भी करार दे दिया।

दरअसल किच्छा के धौराडाम में भाजपा प्रत्याशी अजय भट्ट की चुनावी सभा में पूर्व विधायक शुक्ला अपने सियासी दुश्मन विधायक बेहड़ पर बरसे थे। उन्होंने व्यंग भरे लहजे में कहा था कि बेहड़ की किडनी ठीक हो गई, लेकिन आंख गड़बड़ हो गई है। बेहड़ कह रहे हैं कि दस साल में मोदी सरकार, धामी सरकार, राजेश शुक्ला, अजय भट्ट ने कोई काम नहीं किया।

उन्होंने अजय भट्ट से विनती करते हुए कहा कि बेहड़ के बच्चे छोटे-छोटे हैं। कोई व्यवस्था करनी पड़ेगी। आंख ठीक हो जाए और अगर दिमाग में कमी है तो एम्स में दिमाग ठीक हो जाएगा। कहा कि अगर विकास कार्य नहीं दिख रहे है तो चाहे आगरा या कहीं भेजना पड़े, उनका दिमाग ठीक कराना पड़ेगा।

इस पर विधायक बेहड़ ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। कहा कि राजनीति का स्तर गिरता जा रहा है। मेरे बारे में कहा जा रहा है कि उनको आगरा पागलखाने ले जाने की जरूरत है और उनकी आंखें खराब हो गई हैं। भाजपा के नेता उनके बारे में क्या कहना चाहते हैं। भाजपा के भीतर यही शिष्टाचार रह गया है।

रक्षा राज्य मंत्री की मौजूदगी में मेरे बारे में अपशब्दों का प्रयोग किया जा रहा है जिस व्यक्ति को विकास के नाम पर जाना जाता है। भाजपा के शीर्ष नेतृत्व बताए कि पांच बार का एमएलए रहे और उसके ऊपर व्यक्तिगत प्रहार हो रहे हैं। वे मुख्यमंत्री धामी से कहना चाहते हैं कि मुझे आगरा नहीं बल्कि सहसपुर में मानसिक रोग अस्पताल में भर्ती करा दें। जब दिमाग ठीक हो जाए तो वहां से बाहर निकाल दिया जाए।

उनके खिलाफ ऐसी भाषा का इस्तेमाल करने से अगर भाजपा को वोट मिलता है तो उनको आपत्ति नहीं है। हमारे पूर्वजों ने जंगल को जोतकर तराई को बसाया था। उनकी पूरी बिरादरी और उत्तराखंड की धरती का अपमान किया जा रहा है। विधानसभा चुनाव में उनको मरा गया सांप कहा गया था और जनता ने जवाब दिया था। उन्होंने जनता से अपील की है कि इस तरह की भाषा को जवाब देने के लिए 19 अप्रैल 2024 को वोट से जवाब दें।

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