• Sun. Jul 27th, 2025

Paryavaran Vichar

Hindi News Portal

“जलते जंगल, बुझती सांसें: उत्तराखण्ड की वनाग्नि त्रासदी”

ByParyavaran Vichar

Apr 26, 2025

(सलीम रज़ा)

उत्तर भारत का हरा-भरा राज्य उत्तराखण्ड अपने घने जंगलों, विविध जैव-विविधता और सुरम्य प्राकृतिक सौंदर्य के लिए जाना जाता है। परंतु हर वर्ष गर्मी के मौसम में यहाँ के जंगल भयावह आग की घटनाओं से जूझते हैं। ये आग न केवल लाखों हेक्टेयर हरित क्षेत्र को निगल जाती हैं, बल्कि जीव-जंतुओं, स्थानीय लोगों और पर्यावरण के लिए भी गंभीर संकट बन जाती हैं। आइए विस्तार से समझें कि उत्तराखण्ड के जंगलों में गर्मी के दिनों में आग क्यों लगती है, इसके दुष्परिणाम क्या हैं और इससे निपटने के प्रयास कैसे किए जा रहे हैं।

जंगलों में आग लगने के कारण

  1. प्राकृतिक कारण

    • गर्मी और सूखा: उत्तराखण्ड में मार्च से जून तक का समय बेहद गर्म और शुष्क होता है। तापमान बढ़ने और नमी कम होने के कारण पत्तियाँ, सूखे पेड़ और झाड़ियाँ अत्यंत ज्वलनशील हो जाते हैं। हल्की सी चिंगारी भी बड़े पैमाने पर आग फैला सकती है।

    • आकाशीय बिजली: कभी-कभी बिना बारिश वाली आंधी के दौरान गिरने वाली बिजली भी जंगलों में आग का कारण बनती है।

  2. मानवजनित कारण

    • लापरवाही: पर्यटक, स्थानीय चरवाहे या ग्रामीण अक्सर बीड़ी, सिगरेट पीने के बाद खुले में जलती हुई तीली फेंक देते हैं, जिससे आग भड़क सकती है।

    • जंगल सफाई और कृषि कार्य: कुछ क्षेत्रों में लोग जानबूझकर झाड़ियों को साफ करने या नए चरागाह तैयार करने के लिए आग लगाते हैं, जो बाद में बेकाबू हो जाती है।

    • अवैध गतिविधियाँ: लकड़ी तस्करी या जमीन पर कब्जा करने जैसी गतिविधियों के दौरान भी जानबूझकर आग लगाई जाती है।

आग के दुष्परिणाम

  1. पर्यावरणीय क्षति

    • बहुमूल्य वनस्पतियाँ, औषधीय पौधे और बड़े वृक्ष नष्ट हो जाते हैं।

    • हवा में भारी मात्रा में कार्बन डाइऑक्साइड और धुआँ फैलता है, जिससे वायु प्रदूषण बढ़ता है।

    • जल स्रोतों पर प्रभाव पड़ता है क्योंकि जलस्रोतों के आसपास की हरियाली समाप्त हो जाती है।

  2. जैव विविधता को खतरा

    • सैकड़ों प्रकार के पक्षी, जानवर और कीड़े अपने आवास खो देते हैं।

    • कई प्रजातियों के विलुप्त होने का खतरा बढ़ जाता है, खासकर उन जीवों के लिए जो स्थानीय पर्यावरण पर निर्भर हैं।

  3. आर्थिक और सामाजिक प्रभाव

    • ग्रामीणों की आजीविका पर असर पड़ता है क्योंकि बहुत से लोग वनों पर ईंधन, चारा और खाद्य के लिए निर्भर रहते हैं।

    • पर्यटन उद्योग को भी नुकसान पहुँचता है क्योंकि धुएँ और राख के कारण यात्रियों की संख्या घट जाती है।

उत्तराखण्ड में आग की रोकथाम के प्रयास

  1. वन विभाग की पहल

    • फायर वॉच टावरों और मॉनिटरिंग टीमों की नियुक्ति।

    • गांव-स्तर पर वन संरक्षण समितियों का गठन।

    • संवेदनशील इलाकों में फायर लाइन (आग की रुकावट हेतु खाली पट्टियाँ) बनाना।

  2. जन जागरूकता अभियान

    • स्कूलों, पंचायतों और मीडिया के माध्यम से लोगों को जंगलों में आग से बचाव के तरीके सिखाना।

    • पर्यटकों के लिए चेतावनी बोर्ड और दिशानिर्देश जारी करना।

  3. तकनीकी उपाय

    • सैटेलाइट इमेजरी और रिमोट सेंसिंग तकनीकों का उपयोग कर आग के शुरुआती संकेतों की पहचान करना।

    • ड्रोन के माध्यम से निगरानी और अग्निशमन कार्यों में तेजी लाना।

  4. स्थानीय सहभागिता

    • ग्रामीणों को प्रशिक्षण देकर स्वयंसेवी फायर फाइटिंग टीमें तैयार करना।

    • आग लगने पर त्वरित प्रतिक्रिया के लिए फोन हेल्पलाइन और मोबाइल एप्लिकेशन उपलब्ध कराना।

भविष्य की दिशा

उत्तराखण्ड जैसे पहाड़ी राज्यों के लिए जंगलों की आग एक मौसमी आपदा बनती जा रही है। जलवायु परिवर्तन के चलते सूखा और गर्मी और अधिक गंभीर रूप ले सकते हैं, जिससे आग की घटनाएँ और बढ़ सकती हैं। इसलिए आवश्यकता है कि:

  • दीर्घकालिक वन प्रबंधन नीतियाँ बनें।

  • आग प्रतिरोधी पौधों का रोपण किया जाए।

  • सामुदायिक स्तर पर आपदा प्रबंधन योजनाओं को सशक्त किया जाए।

  • अनुसंधान एवं नवाचार को बढ़ावा दिया जाए ताकि नए और प्रभावी आग-नियंत्रण के उपाय विकसित हों।

उत्तराखण्ड के जंगलों की आग न केवल पर्यावरणीय संकट है, बल्कि यह राज्य की सांस्कृतिक, आर्थिक और सामाजिक धरोहर पर भी गहरा प्रभाव डालती है। यदि हम समय रहते संगठित प्रयास नहीं करेंगे तो आने वाली पीढ़ियों के लिए यह हरा स्वर्ग केवल एक याद बनकर रह जाएगा। अतः सरकार, समाज और हर जागरूक नागरिक का कर्तव्य है कि इस संकट से निपटने के लिए गंभीर और सतत प्रयास करें।

By Paryavaran Vichar

उत्तराखण्ड की राजधानी देहरादून से प्रकाशित हिंदी समाचार पोर्टल पर्यावरण विचार एक ऐसा माध्यम है, जो हिंदी भाषा में लोगों को ताज़ा और महत्वपूर्ण समाचार प्रदान करता है। हिंदी समाचार पोर्टल पर्यावरण विचार द्वारा लोग उत्तराखण्ड के साथ-साथ फीचर, खेल, मनोरंजन, राजनीतिक, आलेख और राष्ट्रीय समाचारआदि के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *