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अब बचा लंगड़ा भेड़िया है सबसे ज्यादा खतरनाक… कुनबे का बताया जा रहा सरदार

ByParyavaran Vichar

Sep 11, 2024

बहराइच। बहराइच के महसी तहसील के 50 से अधिक गांवों में आतंक का पर्याय बने भेड़ियों के कुनबे की एक मादा भेड़िया को मंगलवार को वन विभाग ने दबोच लिया। इससे वन विभाग ने लगातार बन रहे दबाव से राहत की सांस ली। वहीं ग्रामीणों में भी खुशी की लहर है। अब सिर्फ पैर से चोटिल लंगड़ा भेड़िया ही पकड़ से दूर है। इस लंगड़े भेड़िये को सबसे ज्यादा खतरनाक बताया जा रहा है।

डीएफओ अजीत प्रताप सिंह ने बताया कि वन विभाग के ड्रोन कैमरे में चार भेड़िया दिखे थे। इनमें से सिर्फ एक भेड़िया बचा है, जिसे पकड़ने के लिए कवायद तेज कर दी गई है। उन्होंने बताया कि बचे भेड़िया को पकड़ने की कार्रवाई तेज कर दी गई है। एक लोकेशन मिली है, जहां उसके मौजूद होने की संभावना है। जल्द उसे दबोच लिया जाएगा। वहीं वन विभाग के जानकार मादा भेड़िया के बिछड़ने के बाद लंगड़े भेड़िये के और उग्र होने की बात कह रहे हैं। साथ ही ग्रामीणों को और सचेत रहने व सर्च अभियान और तेज करने की सलाह दे रहे हैं।

कतनिर्याघाट के सेवानिवृत्त डीएफओ ज्ञान प्रकाश सिंह ने बताया कि भेड़िया हमेशा झुंड में रहता है। झुंड का हर एक सदस्य एक दूसरे की देखभाल करता है और अगर कोई कुनबे को नुकसान पहुंचाए तो हिंसक हो जाते हैं। उन्होंने बताया कि भेड़िया बदले की भावना वाले जानवर होते हैं। महसी तहसील क्षेत्र के हरदी थाना क्षेत्र में मार्च महीने में भेड़ियों के हमलों की शुरुआत हुई थी। मार्च के शुरुआती दिनों में जहां भेड़ियों ने कई बच्चों और ग्रामीणों को घायल किया था तो वहीं 10 मार्च को मिश्रनपुरवा निवासी सायरा (3) को निवाला बनाया था।

इसके बाद वन टीमें सक्रिय हो गई थी और सघन अभियान शुरू किया गया था। लेकिन 23 मार्च को भेड़ियों ने नयापुरवा निवासी छोटू (2) को निवाला बनाकर चुनौती बढ़ा दी थी। इसके बाद 28 मार्च को डीएफओ बहराइच अजीत प्रताप के नेतृत्व में एक मादा भेड़िया और उसके शावक को पकड़ा गया था। इसके बाद हमलों में कमी आई थी। लेकिन जुलाई माह की शुरुआत के साथ एक बार फिर हमले बढ़ गए और 15 जुलाई आते-आते हमलों की जैसे बाढ़ आ गई। 17 जुलाई को भेड़ियों ने मक्कापुरवा निवासी अख्तर रजा (डेढ़ वर्ष) को निवाला बनाया।

इसके बाद हमले लगातार जारी रहे और 17 जुलाई के बाद भेड़ियों ने सात लोगों को निवाला बना डाला और 30 से अधिक लोगों को घायल कर दिया। वन विभाग 18 अगस्त को एक नर, 29 अगस्त को एक नर और अब मंगलवार को मादा भेड़िया को पकड़कर राहत दिलाई। डीएफओ बहराइच अजीत प्रताप सिंह ने बताया कि पकड़ी भेड़िया मादा है और पूरी तरह से स्वस्थ है। डॉक्टरों के पैनल ने उसका स्वास्थ्य परीक्षण किया है। परीक्षण में उसकी उम्र लगभग चार साल है।

वन टीम द्वारा ड्रोन में दिखे भेड़ियों में से चार को पहले की पकड़ा जा चुका है। पकड़े गए भेड़ियों में एक मादा भेड़िया थी, जिसकी रेस्क्यू के बाद मौत हो गई थी। वहीं, दो भेड़ियों को लखनऊ चिड़ियाघर और एक को गोरखपुर चिड़ियाघर भेज दिया गया था। अब इस भेड़िये को भी गोरखपुर चिड़ियाघर भेज दिया जााएगा।

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