• Mon. Jul 28th, 2025

Paryavaran Vichar

Hindi News Portal

सिर की हड्डी टूटी…पसलियां फेफड़ों में जा धसीं, पूरे शरीर पर मिलीं 36 चोटें

ByParyavaran Vichar

Jun 14, 2024

कानपुर। कानपुर में जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के परीक्षा भवन की पांचवीं मंजिल में दो दोस्तों के साथ बैठी डॉक्टर दीक्षा तिवारी (26) की नीचे गिरने से मौत हो गई। 2023 में एमबीबीएस करने के बाद तीनों की इसी साल इंटर्नशिप पूरी हुई थी। इसके बाद तीनों का ही अलग-अलग अस्पतालों में मेडिकल अफसर पद पर चयन हो गया था।

इसी खुशी में तीनों ने बुधवार रात को एक दोस्त के कमरे में पार्टी की और इसके बाद मेडिकल कॉलेज पहुंच गए। पांचवीं मंजिल पर बने डक्ट के स्लैब में बैठकर बातें कर रहे थे। अचानक स्लैब धंसने से डॉ. दीक्षा नीचे जा गिरी। हालांकि बरेली से आए परिजनों ने दोनों दोस्तों पर ही नीचे फेंकने का आरोप लगाया है। पुलिस उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है।

डीसीपी सेंट्रल आरएस गौतम ने बताया कि बरेली की रहने वाली डॉ. दीक्षा तिवारी और कल्याणपुर के रहने वाले उसके सहपाठी डॉ. मयंक सिंह का मेरठ मेडिकल कॉलेज में मेडिकल अफसर पद पर चयन हुआ था। तीसरे दोस्त मुजफ्फरनगर के डॉ. हिमांशु कुमार का कानपुर मेडिकल कॉलेज में इसी पद पर चयन हुआ था। इस खुशी में डॉ. दीक्षा ने पार्टी दी थी।

तीनों ने पहले बुधवार रात आर्यनगर स्थित डॉ. हिमांशु के कमरे में पार्टी की। इसके बाद मेडिकल कॉलेज स्थित परीक्षा भवन की पांचवीं मंजिल पर पहुंच गए। डक्ट के ऊपर बने स्लैब पर बैठकर बातचीत कर रहे थे। तभी अचानक स्लैब धंस गया और डॉ. दीक्षा नीचे जा गिरी। दोनों साथी उसे लेकर हैलट पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। स्वरूपनगर पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजकर परिजनों और अधिकारियों को सूचना दी।

एडिशनल सीपी हरीश चंदर, डीसीपी सेंट्रल आरएस गौतम और फोरेंसिक टीम मौके पर पहुंची और घटनास्थल का निरीक्षण किया। पुलिस और फोरेंसिक टीम की मानें तो दीक्षा जिस डक्ट पर बैठी थी, वह बेहद कमजोर थी। इस वजह से हादसा हो गया।

वहीं हादसे की सूचना पर शहर आए दीक्षा के चचेरे भाई गौरव ने आरोप लगाया कि छत पर रगड़ के निशान मिले हैं, जिससे लग रहा है कि दीक्षा को घसीटकर डक्ट से नीचे फेंक दिया। पुलिस ने इस आरोप के बाद डॉ. मयंक और डॉ. हिमांशु को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। सीसीटीवी फुटेज भी चेक कर रही है।

मूलरूप से इटावा के जसवंतनगर अजनौरा गांव की रहने वाली डॉ. दीक्षा तिवारी के पिता प्रदीप तिवारी का बरेली में प्रिंटिंग प्रेस का काम है। इसके चलते वे कई साल से बरेली के सुरेश शर्मा नगर में रहते हैं। शहर आए प्रदीप तिवारी ने बताया कि परिवार में पत्नी रेनू उर्फ अनीता, बेटा मयंक और बेटी दीक्षा थी। मयंक पुणे में इंजीनियर है।

वर्ष 2018 में दीक्षा का जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में प्रवेश हुआ था। 2023 में एमबीबीएस हुआ और 2024 में इंटर्नशिप पूरी की। इसके बाद उसे मेरठ में नौकरी मिल गई। दो दिन पहले ही वे बेटी को लेकर दस्तावेज का सत्यापन कराने मेरठ गए थे। 25 जून का दीक्षा की जॉइनिंग थी। दस्तावेजों के सत्यापन के बाद वह बरेली चले गए, जबकि दीक्षा 23 जून को होने वाली नीट पीजी परीक्षा में शामिल होने के लिए कानपुर आ गई थी।

डॉ. दीक्षा तिवारी के शव का तीन डॉक्टरों सीएचसी शिवराजपुर के डॉ. प्रभाकर त्रिपाठी, स्कूल हेल्थ डिस्पेशनरी के डॉ. आलोक मिश्रा और डफरिन अस्पताल की डॉ. कल्पना चतुर्वेदी ने पोस्टमार्टम किया। सूत्रों के मुताबिक डॉ. दीक्षा के शरीर पर सिर से पैर तक करीब 36 चोटें मिली हैं। डक्ट में गिरने से उसके सिर की हड्डी टूट गई थी। दोनों तरफ की छह से ज्यादा पसलियां टूटकर फेफड़ों में घुस गईं थी। इससे फेफड़े फट गए थे। अधिक रक्तस्राव से मौत होना बताया गया है। सूत्रों के मुताबिक शरीर से एल्कोहल की महक भी पाई गई है। वहीं, स्लाइड, स्वाब और बिसरा सुरक्षित रखा गया है। इन्हें जल्द ही पुलिस लैब भेजेगी।


मौके पर जाकर जांच की गई है। प्रथम दृष्टया डॉक्टर की मौत हादसा लग रही है। परिजनों की तहरीर, फोरेंसिक और पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। साथी डॉक्टरों से पूछताछ की जा रही है।

-आरएस गौतम, डीसीपी सेंट्रल

By Paryavaran Vichar

उत्तराखण्ड की राजधानी देहरादून से प्रकाशित हिंदी समाचार पोर्टल पर्यावरण विचार एक ऐसा माध्यम है, जो हिंदी भाषा में लोगों को ताज़ा और महत्वपूर्ण समाचार प्रदान करता है। हिंदी समाचार पोर्टल पर्यावरण विचार द्वारा लोग उत्तराखण्ड के साथ-साथ फीचर, खेल, मनोरंजन, राजनीतिक, आलेख और राष्ट्रीय समाचारआदि के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *