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भोले बाबा के पड़ोसियों का खुलासा: ‘हमने कोई चमत्कार नहीं देखा…’ 25 साल पहले सूरजपाल ने शुरू किया था ये काम

ByParyavaran Vichar

Jul 4, 2024

आगरा। पुलिसकर्मी सत्यपाल सिंह से ‘चमत्कारी’ बाबा बनने तक में सामाजिक सरोकार की भी बड़ी भूमिका रही। नौकरी छूटने के बाद ये सत्संग करने लगे। सत्संग में आने वाली महिलाओं की परेशानी सुनते। धन की जरूरत बताने पर सत्संग में आए श्रद्धालुओं से चंदा करवाते हुए मदद करते। इससे लोगों की श्रद्धा और अनुयायी बढ़ते गए। इनके अनुयायियों में मुस्लिम भी हैं। पड़ोसी जगदीश चंद्र ने बताया कि 25 साल पहले केदार नगर आवास पर सत्यपाल सिंह सत्संग करने लगे।

शुरू में आसपास की महिलाएं आती थीं। चंदा एकत्रित कर मदद करने से घर-घर में पैठ बनती गई। अनुयायी दूरदराज से भी आने लगे। पड़ोसी साबिर चौधरी ने बताया कि 30 साल पहले तक ये सामान्य आदमी की तरह रहते थे। वर्ष 2000 के बाद से भोले बाबा यहां नहीं आए हैं। अनुयायी दूरदराज से यहां मत्था टेकने आते हैं। भोर 4 बजे से ही भीड़ जुटने लगती है। कुटिया बंद रहती है और कभी-कभार साफ-सफाई के लिए अनुयायी खोलते हैं।

शाम तक यही हाल रहता है। क्षेत्रीय नागरिक गगन और विक्की ने बताया कि हमने कोई चमत्कार नहीं देखा, लेकिन यहां हर मंगलवार को भीड़ अधिक होती है। पड़ोसी साबिर चौधरी का कहना है कि बाबा ने साले की बेटी स्नेहलता को गोद लिया था। 24 साल पहले उसकी मौत होने पर शव को दो दिन यहां रखा गया। भक्तों ने नारेबाजी की और बाबा से बेटी को जिंदा करने को कहा। बाद में शव को मल्ल का चबूतरा लेकर गए, वहां जिंदा करने के लिए जाप करने लगे, मैं भी गया था। हजाराें की भीड़ जुट गई।

इस पर पुलिस ने सभी को खदेड़ा था। जयपुर हाईवे पर अभुआपुरा स्थित नारायण साकार विश्व हरि चैरिटेबल ट्रस्ट का आश्रम है। इसे बीते साल खरीदा गया है। यहां भी रोजाना अनुयायी आश्रम के गेट पर मत्था टेकने आते हैं। 2019 में किरावली के गांव नगला भरंगरपुर विधापुर में भोले बाबा का सत्संग 15 दिन तक चला था। इसमें भारी संख्या में लोग सत्संग सुनने आते थे। हाथरस के सिकंदराराऊ में हुई भगदड़ में 121 श्रद्धालुओं की मौत हुई है, जिनमें से 106 की पहचान यूपी के 17 जिलों के निवासियों के रूप में हुई है, जबकि छह देश के अलग अलग राज्यों के निवासी हैं।

बाकी की पहचान के प्रयास जारी हैं। इन सभी को राज्य-केंद्र सरकार मिलकर मुआवजा देगी। हादसे में 38 लोग घायल हैं, जो खतरे से बाहर हैं। सीएम योगी ने बुधवार को खुद हाथरस के जिला अस्पताल में घायलों का हाल जाना। चश्मदीद घायलों से बात की। सीएम के अनुसार हादसे में उत्तर प्रदेश के साथ-साथ 3 अन्य राज्यों के श्रद्धालु भी शामिल हैं। जिनकी मौत हुई है। अब तक शिनाख्त के अनुसार मध्य प्रदेश के ग्वालियर से एक, हरियाणा के पलवल से एक और फरीदाबाद से तीन, जबकि राजस्थान के डीग से एक की मौत हुई है।

इसी तरह उत्तर प्रदेश के मृतकों में सर्वाधिक 22 मृतक हाथरस से हैं, जबकि आगरा से 17, अलीगढ़ से 15, एटा से 10, कासगंज और मथुरा से 8-8, बदायूं से 6, शाहजहांपुर और बुलंदशहर से 5-5, औरैया और संभल से 2-2, जबकि ललितपुर, फिरोजाबाद, गौतमबुद्धनगर, पीलीभीत, लखीमपुर खीरी और उन्नाव से एक-एक श्रद्धालु की मृत्यु हुई है। कुल मिलाकर उत्तर प्रदेश से बाहर के छह और उत्तर प्रदेश के 106 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। 121 में से अब तक 112 की शिनाख्त हुई है। इन 121 मृतकों में से 113 महिलाएं, 6 बच्चे (5 बच्चे और 1 बच्ची) और दो पुरुष शामिल हैं। प्रशासन की ओर से कंट्रोल रूम/हेल्पलाइन नंबर 05722-227041, 42, 43, 45 भी जारी किया गया है।

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