• Mon. Jul 28th, 2025

Paryavaran Vichar

Hindi News Portal

सरकार प्राचीन संस्कृति को संरक्षित,संवर्धित करने का कर रही कार्य: धामी

ByParyavaran Vichar

Mar 22, 2025
हरिद्वार/देहरादून : हमारे शास्त्र केवल ग्रंथ या किताब ही नहीं हैं बल्कि इस संपूर्ण सृष्टि के जितने रहस्य हैं उन रहस्यों को जानने और समझने का एक विशिष्ट माध्यम है। हमारे समस्त वेदों, उपनिषदों और पुराणों आदि में ऐसे सूत्र निहित हैं जिनसे प्रेरणा लेकर आज आधुनिक विज्ञान भी सशक्त हो रहा है। हमारे वेदों एवं संस्कृति में जीवन के भौतिक और आध्यात्मिक पहलुओं के बीच संतुलन की भावना निहित है जो इसे सभी ज्ञान परंपराओं से श्रेष्ठ बनाती है। ये विचार मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को  पतंजलि विश्वविद्यालय हरिद्वार में आयोजित 62वे अखिल भारतीय शास्त्रोत्सव के समापन समारोह को संबोधित करते हुए व्यक्त किए।



मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे शास्त्र जहां एक और योगासन, प्राणायाम और ध्यान द्वारा शरीर और मस्तिष्क को स्वस्थ रखने की बात सिखाते हैं, वही अंकगणित, बीजगणित, ज्यामिति, व्याकरण, जीव विज्ञान, भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान, चिकित्सा शास्त्र और खगोल शास्त्र आदि ऐसे ऐसे गूढ़ रहस्यों से पर्दा उठाते हैं जिन्हें देखकर आधुनिक गणितज्ञ और वैज्ञानिक भी सच में आश्चर्यचकित हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि हमें आज युवा पीढ़ी को यह बताने की आवश्यकता है कि भारतीय गणितज्ञ ने शून्य और दशमलव जैसी अद्वितीय अवधारणा को विकसित किया था, जिनके ऊपर आज का पूरा आधुनिक विज्ञान टिका हुआ है और एंेसे ही न जाने कितने रहस्यों से आज की युवा पीढ़ी को अवगत कराना होगा, जिसके लिए ऐसे शास्त्रोत्सव जैसे आयोजन  महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि हमारी समृद्ध विरासत ऋषि, मुनियों के द्वारा की गई तपस्या, उनके अनुसंधान, विरासत को आगे बढ़ाने के लिए नई पीढ़ी को प्रेरित तथा जागरुक करने की आवश्यकता है।



उन्होंने कहा कि इस प्रकार के आयोजन से एक और हमारे ऋषि, मुनियों द्वारा स्थापित ज्ञान के विभिन्न आयामों को सहजने का कार्य करते हैं, वहीं भारतीय संस्कृति, परम्परा एवं विरासत को नई एवं भावी पीढ़ी तक पहुंचाने विरासत को स्थानांतरित करने में बहुत महत्वपूर्ण योगदान देते हैं।मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के कुशल नेतृत्व में आज भारतीय ज्ञान परंपरा और संस्कृति को वैश्विक स्तर पर पुनः सम्मान मिल रहा है, उनसे प्रेरणा लेकर राज्य सरकार भी प्रदेश में प्राचीन संस्कृति और ज्ञान को संरक्षित और संवर्धित करने की दिशा में निरंतर काम कर रही है।  उन्होंने सभी विद्वानजनों से आवाहन करते हुए कहा कि सभी विद्वान इस पर विचार करें कि कैसे हम अपनी युवा पीढ़ी, आने वाली पीढ़ी को सरल और व्यावहारिक रूप से वेदों और उपनिषदों को सरलता से ज्ञान दे सकते हैं।



मुख्यमंत्री ने आशा व्यक्त की कि इन विषयों पर सभी विद्वान अवश्य विचार करेंगे और एक ऐसा मार्ग प्रशस्त करेंगे जिसके द्वारा हमारी आने वाली पीढ़ी, छात्र-छात्राएं भारतीय ज्ञान परंपरा के प्रमुख स्तंभों वेदों और उपनिषदों को समझने में सक्षम हो सकें। उन्होंने शास्त्रोत्सव के सफल आयोजन के लिए केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय तथा पतंजलि विश्वविद्यालय का आभार भी व्यक्त किया।मुख्यमंत्री ने कहा कि इस उत्सव में आयोजित विभिन्न स्पर्धाएं निश्चित रूप से हमारी प्राचीन शास्त्र परंपरा को आधुनिक रूप में भी जीवंत रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास साबित होगी, जिस प्रकार आदि शंकराचार्य जी ने छोटी सी आयु में अद्वैत वेदांत का पूर्ण ज्ञान अर्जित कर संपूर्ण भारत में ज्ञान की ज्योति जागृत की थी, उसी प्रकार शास्त्रोत्सव प्रतिस्पर्धा में प्रतिभाग करने वाले सभी प्रतिभागी भी हमारी प्राचीन ज्ञान परंपरा है इसको आगे बढ़ाने वाले अग्रदूत हैं।



उन्होंने सभी विद्यार्थियों के उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए शुभकामनाएं दी और इस अत्यन्त महत्वपूर्ण कार्यक्रम को आयोजित करने के लिए केंद्रीय विश्वविद्यालय, संस्कृत एवं पतंजलि विश्वविद्यालय का भी धन्यवाद किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने शास्त्रोत्सव प्रतिस्पर्धा में प्रतिभाग करने वाले छात्रों को सम्मानित किया तथा वेद, दर्शन और उपनिषदों का सार पुस्तक का भी विमोचन किया।मुख्यमंत्री ने देश के 25 से भी अधिक प्रांतों तथा पड़ोसी देश नेपाल से आए हुए विद्वानजन, शोधकर्ताओं, शास्त्र प्रेमी और विद्यार्थियों एवं देश के भावी कर्णाधारों जो देश और दुनिया में भारत के सनातन, संस्कृति और संस्कारों को दुनिया के अंदर ले जाने का जिनके ऊपर दायित्व है ऐसे सभी पधारे महानुभावों का देवभूमि उत्तराखंड में स्वागत व करते हुए, स्वामी रामदेव, आचार्य बाल कृष्ण एवं समस्त पतंजलि परिवार को विशेष रूप से धन्यवाद देते हुए कहा कि इनके द्वारा प्राचीन भारतीय ज्ञान को आने वाली नई पीढ़ियों तक पहुंचाने का जो महा अभियान प्रारंभ किया गया है उसके सफल परिणाम हमारे सामने आने लगे है।



इस दौरान कुलपति केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय प्रो.श्रीनिवास वरखेड़ी, पूर्व मुख्यमंत्री डॉ.रमेश पोखरियाल निशंक, कुलपति पतंजलि विश्वविद्यालय आचार्य बालकृष्ण, योग गुरू बाबा रामदेव ने भी अपने-अपने विचार रखे। इस अवसर पर विधायक प्रदीप बत्रा, आदेश चौहान, जिला पंचायत अध्यक्ष किरण चौधरी, महापौर अनीता अग्रवाल, जिलाधिकारी कर्मेंद्र सिंह, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रमेंद्र सिंह डोबाल, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट आशीष मिश्रा, एचआरडीए सचिव मनीष कुमार, भाजपा जिलाध्यक्ष  आशुतोष शर्मा, पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद, पूर्व विधायक संजय गुप्ता, विद्यार्थी, शोधार्थी और  देश के कोने-कोने से पधारे विद्वान आदि उपस्थित थे।

By Paryavaran Vichar

उत्तराखण्ड की राजधानी देहरादून से प्रकाशित हिंदी समाचार पोर्टल पर्यावरण विचार एक ऐसा माध्यम है, जो हिंदी भाषा में लोगों को ताज़ा और महत्वपूर्ण समाचार प्रदान करता है। हिंदी समाचार पोर्टल पर्यावरण विचार द्वारा लोग उत्तराखण्ड के साथ-साथ फीचर, खेल, मनोरंजन, राजनीतिक, आलेख और राष्ट्रीय समाचारआदि के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *