• Sun. Jul 27th, 2025

Paryavaran Vichar

Hindi News Portal

“सिंधु पर सर्जिकल स्ट्राइक: भारत की नई रणनीति से पाकिस्तान में हड़कंप”

ByParyavaran Vichar

Apr 26, 2025

भारत द्वारा सिंधु जल संधि निलंबित करने की पृष्ठभूमि

  • घटना: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमला (26 मृतक)।

  • भारत की प्रतिक्रिया: सिंधु जल संधि (1960) का निलंबन और पाकिस्तान को औपचारिक नोटिस भेजना।

  • आरोप: पाकिस्तान पर सीमा पार आतंकवाद का समर्थन करने का आरोप।

सिंधु जल संधि का मूल ढाँचा

  • भारत को: पूर्वी नदियाँ (रावी, ब्यास, सतलुज) — पूर्ण नियंत्रण

  • पाकिस्तान को: पश्चिमी नदियाँ (सिंधु, झेलम, चिनाब) — लगभग 80% पानी

  • इन नदियों का स्रोत भारत के जम्मू-कश्मीर क्षेत्र में है, लेकिन पानी पाकिस्तान जाता है।

भारत की योजना: पाकिस्तान को पानी रोकने के उपाय

  1. अल्पकालिक कदम (तुरंत लागू होने वाले):

    • मौजूदा डैम्स की सफाई (silt removal) ताकि भंडारण क्षमता बढ़े।

    • पानी के बहाव को धीमा करना।

  2. मध्यमकालिक योजना:

    • नए भंडारण प्रोजेक्ट्स का तेजी से निर्माण।

    • सिंचाई और घरेलू उपयोग के लिए पानी को पुनः उपयोग में लाना।

  3. दीर्घकालिक योजना:

    • सिंधु, झेलम और चिनाब पर नए बड़े बाँधों और जल परियोजनाओं का निर्माण।

    • जल-परिवर्तन परियोजनाएँ विकसित करना।

तकनीकी और कूटनीतिक रणनीति

  • भारत अब किशनगंगा (झेलम की सहायक नदी) और रतले परियोजना (चिनाब की सहायक नदी) पर कार्य तेज करेगा।

  • भारत विश्व बैंक और अन्य अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के सवालों का कानूनी उत्तर देने को तैयार है।

  • अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का तर्क: “जो देश आतंकवाद को बढ़ावा देता है, वह सद्भावनापूर्ण संधियों के योग्य नहीं।”

  • घरेलू नागरिकों के लिए जल प्रबंधन को बेहतर बनाने की योजना ताकि भारत में भी पानी की कमी न हो।

पाकिस्तान की प्रतिक्रिया

  • आरोप: भारत का यह कदम “युद्ध की कार्रवाई” माना जाएगा।

  • चेतावनी: हर क्षेत्र में प्रतिकार किया जाएगा।

संभावित असर पाकिस्तान पर

  • पाकिस्तान का कृषि क्षेत्र (विशेषकर पंजाब और सिंध क्षेत्र) इन नदियों के पानी पर निर्भर है।

  • जल आपूर्ति बाधित होने से खाद्य सुरक्षा और बिजली उत्पादन (हाइड्रो पावर) प्रभावित हो सकते हैं।

  • आंतरिक अस्थिरता बढ़ सकती है, आर्थिक संकट और गहरा सकता है।

क्या भारत सिंधु का एक बूंद भी पाकिस्तान नहीं जाने देगा?

वास्तविकता में:

  • तकनीकी रूप से तुरंत पूरी तरह रोकना कठिन है, क्योंकि विशाल नदी प्रणालियाँ हैं और भंडारण क्षमता सीमित है।

  • लेकिन भारत धीरे-धीरे पानी के अधिक से अधिक उपयोग और अवरोधन की ओर बढ़ेगा।

  • नया भंडारण और जल अवसंरचना विकसित होने पर पानी की धारा का बहुत बड़ा हिस्सा रोका जा सकता है।

निष्कर्ष

भारत ने पहली बार सिंधु जल संधि जैसे अंतरराष्ट्रीय समझौते पर इतना कठोर रुख अपनाया है।यह एक दीर्घकालिक रणनीतिक युद्ध की तरह है, जहाँ भारत धीरे-धीरे पाकिस्तान पर पानी के माध्यम से दबाव बनाएगा, और इसे वैश्विक मंच पर वैध ठहराने का प्रयास करेगा।

By Paryavaran Vichar

उत्तराखण्ड की राजधानी देहरादून से प्रकाशित हिंदी समाचार पोर्टल पर्यावरण विचार एक ऐसा माध्यम है, जो हिंदी भाषा में लोगों को ताज़ा और महत्वपूर्ण समाचार प्रदान करता है। हिंदी समाचार पोर्टल पर्यावरण विचार द्वारा लोग उत्तराखण्ड के साथ-साथ फीचर, खेल, मनोरंजन, राजनीतिक, आलेख और राष्ट्रीय समाचारआदि के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *