अल्मोड़ा | जागेश्वर (अल्मोड़ा)। सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय जागेश्वर की जमीनी हकीकत बदहाल है। यहां 62 छात्र-छात्राएं हर रोज टपकती छतों और दरकी दीवारों के बीच जान जोखिम में डालकर पढ़ाई करने को मजबूर हैं।
विद्यालय की छत वर्ष 2013 से टपक रही है, जिससे दीवारें भी कमजोर हो चुकी हैं। बरसात में शिक्षक कक्षाएं बरामदे में लगाने को विवश हैं। कंप्यूटर और फर्नीचर को बचाने के लिए शिक्षक स्वयं प्लास्टिक कवर लगाते हैं। चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी नहीं होने से सफाई व्यवस्था चरमराई हुई है, जबकि प्रधानाचार्य का पद भी वर्षों से खाली है।
स्थानीय लोगों और अभिभावकों ने स्थिति सुधारने की कई बार मांग की। कुछ समय पहले शिष्टमंडल ने डीएम आलोक कुमार पांडे से मुलाकात कर समस्या रखी, जिसके बाद आपदा मद से सात लाख रुपये स्वीकृत हुए। आरईएस के जेई ने टिनशेड निर्माण की बात कही थी, लेकिन अब तक कोई काम नहीं हुआ है।
12 वर्षों से टपक रही है स्कूल की छत
62 छात्र-छात्राएं जर्जर भवन में पढ़ने को मजबूर
प्रभारी प्रधानाध्यापक पूरन चंद्र पांडे ने कहा:
“बरसात में स्कूल की छत से पानी टपकना आम बात हो गई है। भवनों का ध्वस्तीकरण कर नए कक्ष बनाए जा रहे हैं। छात्र-छात्राओं की सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जाएगा।”