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दुर्गम क्यों जाएं गुरुजी…अटल उत्कृष्ट विद्यालय के शिक्षकों को चाहिए दून और हरिद्वार में तैनाती

ByParyavaran Vichar

Jan 15, 2024

देहरादून। प्रदेश के अटल उत्कृष्ट विद्यालयों का मतलब शिक्षकों को देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर और नैनीताल जिले में तैनाती चाहिए। उन्हें इन जिलों के सुगम विद्यालयों में दुर्गम की सेवाओं का लाभ मिलने से पर्वतीय जिलों के विद्यालयों को शिक्षक नहीं मिल रहे। इस स्थिति के चलते पर्वतीय जिलों के इन विद्यालयों में शिक्षकों के करीब आधे पद खाली हैं।

प्रदेश में शिक्षा के लिए पलायन को कुछ हद तक रोका जा सके और पर्वतीय जिलों में बच्चे सीबीएसई बोर्ड से अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई कर सकें, सरकार ने इसके लिए हर ब्लॉक के दो सरकारी माध्यमिक विद्यालयों को वर्ष 2020 में अटल उत्कृष्ट विद्यालय के रूप में चलाए जाने का निर्णय लिया था। सरकार के इस निर्णय के बाद सरकारी माध्यमिक विद्यालयों को चयनित कर उन्हें सीबीएसई बोर्ड से संबद्ध किया गया।

सीबीएसई बोर्ड से संबद्ध इन विद्यालयों में सरकारी विद्यालयों से स्क्रीनिंग परीक्षा से शिक्षकों का चयन किया गया। शिक्षकों के चयन के बाद अधिकतर शिक्षक देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल और ऊधमसिंह नगर जिले में तैनाती पा गए, लेकिन पहाड़ के अधिकतर विद्यालयों में शिक्षकों के करीब आधे पद खाली हैं।

शिक्षा विभाग की ओर से इन खाली पदों को भरा जा सके, इसके लिए विभाग ने एक बार फिर स्क्रीनिंग परीक्षा के माध्यम से इन विद्यालयों के लिए शिक्षकों का चयन किया, लेकिन काउंसलिंग के दौरान चयनित अधिकर शिक्षक पहाड़ में तैनाती को तैयार नहीं हैं। शासन ने इन विद्यालयों के शिक्षकों के लिए इस तरह की व्यवस्था की है कि यदि किसी शिक्षक की सुगम के विद्यालय में तैनाती होती है, तो उसकी सुगम की सेवा को दुर्गम की सेवा माना जाएगा, जबकि दुर्गम में एक साल की दुर्गम सेवा को दो साल की दुर्गम सेवा माना जाएगा।


अटल उत्कृष्ट विद्यालयों में प्रवक्ताओं के पद

जनपद विद्यालय स्वीकृत पद    कार्यरत पद खाली पद
पौड़ी 30 278 139 139
चमोली 18 175  91 84
अल्मोड़ा 22 204 130 74
चंपावत आठ  60 23 37
पिथौरागढ़ 16 164 95 69
रुद्रप्रयाग  छह 61 45 26

प्रदेश के पर्वतीय जिलों के अटल उत्कृष्ट विद्यालयों में शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए जल्द ही विभाग की बैठक बुलाकर आवश्यक कदम उठाया जाएगा।

-डाॅ. धन सिंह रावत, शिक्षा मंत्री

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