देहरादून। विधानसभा में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) विधेयक पेश होने से पहले बवाल हो गया। कांग्रेस ने कार्यमंत्रणा में विपक्ष की बात को सुनने और सदन संचालन की प्रक्रिया पर सवाल उठाए। नेता प्रतिपक्ष यशपाल ने कहा कि विपक्ष की ओर से यूसीसी पर चर्चा के लिए समय देने की मांग की गई। लेकिन सरकार ने सुनने को तैयार नहीं है। संख्या बल के आधार पर हठधर्मिता से सदन को चलाने का प्रयास कर रही है।
कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में कांग्रेस की ओर से नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य और विधायक प्रीतम सिंह ने प्रदेश सरकार से सदन को कार्य संचालन नियमावली के अनुसार चलाने की मांग रखी। विपक्ष का कहना है कि प्रदेश सरकार यूसीसी विधेयक को सदन में पेश करना चाहती है तो इसे भोजनावकाश के बाद पटल पर रखा जाए।
यूसीसी पर चर्चा के लिए समय मिलना चाहिए। इससे सभी विधायक यूसीसी के प्रावधानों पर अपनी बात रख सके। साथ ही प्रश्न काल और कार्यस्थगन प्रस्ताव में जनहित के मुद्दों पर चर्चा के लिए उठा सके। कार्यमंत्रणा में विपक्ष की बात को अनसुना करने पर नेता प्रतिपक्ष आर्य और विधायक प्रीतम सिंह बैठक छोड़ दी। साथ ही विधानसभा अध्यक्ष को कार्यमंत्रणा समिति से इस्तीफा भेज दिया।
नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि यूसीसी के नाम पर प्रदेश सरकार को सत्र को विशेष सत्र का रूप दे रही है। जो नियमों के विरुद्ध है। जबकि विधानसभा सचिवालय की ओर से विधायकों को जो सूचना दी गई है कि उसमें साफ है कि पांच सितंबर 2023 को आहुत सत्र को आगे बढ़ाया गया है।
साथ ही 25 जनवरी 2024 को विधानसभा ने विधायकों ने नियम 58, 299 और 300 के तहत लोक महत्व से संबंधित सूचनाएं मांगी गई। लेकिन प्रश्न काल और कार्य स्थगन को सदन में न लाना नियमों के विरुद्ध है। प्रदेश सरकार विपक्ष को सुनने के लिए तैयार नहीं है। कांग्रेस विधायकों ने राज्यपाल से मुलाकात कर नियम विरुद्ध सदन संचालन को लेकर शिकायत दी।