• Sat. Oct 11th, 2025

Paryavaran Vichar

Hindi News Portal

उत्तराखंड सरकार की होम स्टे के लिए बड़ी योजना, ट्रेकरों को भी मिलेगा लाभ

ByParyavaran Vichar

Sep 10, 2024

उत्तराखंड में पर्यटन से जुड़े युवाओं को सरकार ने बड़ा तोहफा दे रही है। अब तक कई स्थानों पर पर्यटकों को रुकने और खाने-पीने की सुविधाओं के लिए काफी सोचना पड़ता था। इसके साथ ही कम आमदनी के कारण कई युवा इस क्षेत्र में आने से हिचकते थे। लेकिन अब उत्तराखंड सरकार ने पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ-साथ स्थानीय लोगों को अनुदान देकर उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है।

अब ट्रैकिंग रूट्स पर जो भी स्थानीय युवा या ग्रामीण होमस्टे स्थापित करेंगे, उन्हें सरकार ‘ट्रेकिंग ‘एट्रेक्शन सेंटर होम स्टे अनुदान योजना’ के तहत ₹60,000 प्रति कमरे के हिसाब से अनुदान देगी। इसके अलावा, यदि होमस्टे को नवीनीकरण की आवश्यकता होती है, तो इसके लिए भी सरकार ने ₹25,000 की सहायता राशि देने का ऐलान किया है। इस योजना का उद्देश्य न केवल पर्यटन को प्रोत्साहन देना है, बल्कि स्थानीय लोगों को आर्थिक लाभ पहुंचाना भी है।

सरकार की यह योजना हालांकि वर्ष 2020 में बनी है, और उन लोगों के लिए है, जो ट्रैकिंग रूट से 2 किलोमीटर के दायरे में होमस्टे चला रहे हैं। सर्दी या गर्मी के मौसम में पर्यटक नहीं मिलने की स्थिति में भी उन्हें सरकार की ओर से प्रतिदिन ₹60 प्रति कमरे का अनुदान मिलेगा। इससे स्थानीय लोगों को आर्थिक सुरक्षा मिलेगी और पर्यटकों को ट्रैकिंग रूट पर अधिक और बेहतर विकल्प उपलब्ध हो सकेंगे। यह भी है कि अधिकांश बाहरी लोग ही सरकार की होमस्टे योजना का लाभ उठा रहे हैं।

उत्तराखंड सरकार द्वारा शुरू की गई इस योजना में, यदि कोई व्यक्ति होमस्टे बनाना चाहता है, तो उसे प्रति कमरे ₹60,000 का अनुदान मिलेगा। इस अनुदान में कमरे के साथ शौचालय और अन्य आवश्यक सुविधाओं का निर्माण भी शामिल होगा। जिन लोगों के पास पहले से ही कमरे हैं, उन्हें नवीनीकरण के लिए ₹25,000 की धनराशि प्रदान की जाएगी। यह आर्थिक सहायता न केवल होमस्टे योजना को प्रोत्साहन देती है, बल्कि स्थानीय स्थापत्य शैलियों, विशेषकर पारंपरिक पहाड़ी शैली की इमारतों को भी बढ़ावा देती है।

इस योजना का लाभ उठाने के लिए कुछ विशेष पात्रता मानदंड भी निर्धारित किए गए हैं। ट्रैकिंग रूट के पास रहने वाले स्थानीय ग्रामीणों को प्राथमिकता दी जाएगी, जिससे आगंतुकों को समृद्ध स्थानीय अनुभव प्राप्त हो सके। इसके अलावा, होमस्टे संचालकों को अपने परिवार के साथ परिसर में रहने की आवश्यकता होगी, ताकि पर्यटक स्थानीय संस्कृति और आतिथ्य का वास्तविक अनुभव कर सकें।

होमस्टे पंजीकरण भी अनिवार्य है, जिससे पर्यटकों की सेवा और सुरक्षा के मानक सुनिश्चित किए जा सकें। साथ ही, यह सरकार को इस क्षेत्र के विकास की निगरानी और समर्थन करने में मदद करता है। इस प्रक्रिया से न केवल पर्यटन अनुभव को उत्तराखंड के मूल्यों के अनुरूप बनाए रखा जाएगा, बल्कि स्थानीय परिवारों के लिए राजस्व का एक महत्वपूर्ण स्रोत भी उत्पन्न होगा। योजना के बारे में पूरी सही जानकारी यहाँ क्लिक करके प्राप्त कर सकते हैं।

By Paryavaran Vichar

उत्तराखण्ड की राजधानी देहरादून से प्रकाशित हिंदी समाचार पोर्टल पर्यावरण विचार एक ऐसा माध्यम है, जो हिंदी भाषा में लोगों को ताज़ा और महत्वपूर्ण समाचार प्रदान करता है। हिंदी समाचार पोर्टल पर्यावरण विचार द्वारा लोग उत्तराखण्ड के साथ-साथ फीचर, खेल, मनोरंजन, राजनीतिक, आलेख और राष्ट्रीय समाचारआदि के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *