• Tue. Jul 29th, 2025

Paryavaran Vichar

Hindi News Portal

बाढ़ के पानी में जिंदगी की जंग, बेटी बीमार…पिता कंधे पर बिठाकर पहुंचा अस्पताल

ByParyavaran Vichar

Sep 14, 2024

फर्रुखाबाद। फर्रुखाबाद जिले में बाढ़ के पानी में जिंदगी बचाने के लिए जहां जंग छिड़ी है। वहीं स्वास्थ्य सेवाएं अपंग नजर आ रही हैं। बाढ़ से घिरे गांवों में हेल्थ वेलनेस सेंटर बंद पड़े हैं। स्वास्थ्य शिविर लगते नहीं, नाव की सुविधा नहीं तो मरीज की जान बचाना चुनौती है। बेटी बीमार होने पर पिता ने उसे कंधे पर बिठाया। अपनी जान दांव पर लगाकर गले तक भरे बाढ़ के पानी से निकला। कस्बा पहुंचकर बेटी का उपचार कराया। कंपिल क्षेत्र के गांव मधवापुर निवासी सुनील की पुत्री एशिका (3) को काफी दिनों से बुखार आ रहा है।

गांव में स्वास्थ्य शिविर न लगने से वह बेटी का झोलाछाप से इलाज कराते रहे। शुक्रवार सुबह उसकी तबीयत बिगड़ गई। गांव के कच्चे रास्तों में बाढ़ का पानी भरा है। नाव की भी कोई व्यवस्था नहीं है। बेटी की कराह सुनील सह नहीं पाए। आखिरकार उन्होंने बेटी को कंधे पर बैठाया। अपनी जान की परवाह किए बिना बाढ़ के पानी में उतर गए। करीब आधा किमी पानी पार करने के बाद पांच किमी पैदल चलकर मुख्य मार्ग पर पहुंचे। फिर राहगीर बाइक सवार की मदद से कंपिल पहुंचे। अस्पताल में चिकित्सक को दिखाकर बेटी का इलाज कराया।

बेटी को कंधे पर बिठाकर बाढ़ के पानी से निकलते सुनील का वीडियो भी वायरल हो रहा है। इसके अलावा बाढ़ग्रस्त गांव कारव, पथरामई, इकलहरा, सिंघनपुर, कैरई, हमीरपुर मजरा जात, नसरुल्लापुर, मिस्तनी आदि गांवों में बुखार के मरीज बढ़ रहे हैं। कायमगंज सीएचसी प्रभारी डॉ.शोभित शाक्य ने बताया कि शिविर लगाने के लिए टीमें गठित हैं। तीन दिन से बिजली व्यवस्था गड़बड़ होने से टीमों से मोबाइल पर भी संपर्क नहीं हो पा रहा है। गांवों में शिविर लगवाकर दवा वितरित कराई जाएगी।

वहीं, जिले में पहाड़ों व मैदानी क्षेत्र में भारी बारिश होने से गंगा का जलस्तर फिर उफान पर है। इससे खतरे का निशान मात्र 15 सेंटीमीटर दूर रह गया है। गांवों में जलभराव के साथ फर्रुखाबाद-बदायूं मार्ग पर भी बाढ़ का पानी बह रहा है। गंगा के जलस्तर में शुक्रवार को 15 सेमी बढ़ोतरी होने से 136.80 मीटर से 136.95 मीटर पर पहुंच गया है। जो चेतावनी बिंदु 136.60 मीटर से 35 सेमी ऊपर व खतरे के निशान 137.10 मीटर से मात्र 15 सेमी दूर है। नरौरा बांध से 77233 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है।

जलस्तर बढ़ने से फर्रुखाबाद-बदायूं मार्ग चित्रकूट डिप व राजेपुर डिप पर पानी चलने लगा है। यदि जलस्तर और बढ़ा तो चित्रकूट डिप से वाहनों का निकलना मुश्किल हो जाएगा। बाढ़ से घिरे गांव आशा की मड़ैया व उदयपुर में ग्रामीणों के लिए लेखपाल ने नाव लगाई, लेकिन नाविक न होने से वह दिखावा भर है। इससे ग्रामीणों को नाव का कोई लाभ नहीं मिल पा रहा और वह बाढ़ के पानी में घुस कर निकलने को मजबूर है। ग्रामीणों का कहना है कि गांव के रास्ते पर स्कूल के पास नाला है।

उसमें बाढ़ का पानी का तेजी से बह रहा है। जिसे पार करने में परेशानी हो रही है। गांव की आरती अपने छोटे पुत्र के साथ राजेपुर दवा लेने जा रही थीं। नाला पार करते समय पैर फिसल गया। गनीमत रही कि उनके पीछे आ रहे एक ग्रामीण ने हाथ पकड़ लिया, जिससे बड़ी घटना टल गई। बाढ़ का पानी क्षेत्र के करीब 30 से अधिक गांवों में पहुंच गया है। गांव हरसिंहपुर कायस्थ, ऊगरपुर, अंबरपुर, सुंदरपुर, कुड़री सारंगपुर, रामप्रसाद नगला आदि कई गांव में तो घरों में पानी भर गया है। रामगंगा का जलस्तर 134.65 मीटर से 20 सेमी बढ़कर 134.85 मीटर पर पहुंच गया है।

खो-हरेली, रामनगर बैराज से 52057 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। इससे जलस्तर और बढ़ने की आशंका है। तहसीलदार करमवीर ने बताया कि बारिश से गंगा का जलस्तर बढ़ा है। अभी किसी गांव में खाने-पीने की समस्या नहीं है। उदयपुर में नाव लगी है। क्यों नहीं चल रही है, इसकी जानकारी कर समस्या निस्तारित की जाएगी। बाढ़ प्रभावित गांव में 11 नाव चल रही हैं। वहीं गंगा का जलस्तर बढ़ने से शमसाबाद-शाहजहांपुर मार्ग पर फिर पानी भर गया है। सड़क पर चौरा गांव के सामने गड्ढा होने के कारण राहगीरों को निकलने में काफी दिक्कत हो रही है।

बरसात के चलते जसमई उपकेंद्र लगभग 27 घंटे बंद रहा। इसके चलते आधे शहर की बिजली भी गुल रही। मोहल्लों में पेयजल का संकट खड़ा हो गया। हैंडपंपों पर पानी भरने को भीड़ लगी रही। किराये पर जनरेटर लेकर लोगों ने सबमसर्बिल चलाए। तीन दिनों से हो रही बरसात से आधे शहर की करीब ढाई लाख की आबादी प्रभावित हो गई। गुरुवार सुबह से करीब 11 बजे जसमई उपकेंद्र बंद हो गया। इससे मोहल्ला भाऊटोला, पलरिया, बजरिया और पल्ला तालाब समेत करीब 12 से ज्यादा मोहल्लों की बिजली गुल हो गई। मोहल्ले में लगे हैंडपंपों पर पानी भरने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ी।

By Paryavaran Vichar

उत्तराखण्ड की राजधानी देहरादून से प्रकाशित हिंदी समाचार पोर्टल पर्यावरण विचार एक ऐसा माध्यम है, जो हिंदी भाषा में लोगों को ताज़ा और महत्वपूर्ण समाचार प्रदान करता है। हिंदी समाचार पोर्टल पर्यावरण विचार द्वारा लोग उत्तराखण्ड के साथ-साथ फीचर, खेल, मनोरंजन, राजनीतिक, आलेख और राष्ट्रीय समाचारआदि के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *