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रिटायर्ड प्रधानाचार्य की अपहरण कर हत्या, शव नहर में फेंका, आरोपी महिला व MBBS छात्र पति फरार

ByParyavaran Vichar

Feb 20, 2025

देहरादून। राजकीय इंटर कॉलेज से सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य श्याम लाल गुरुजी की अपहरण कर हत्या कर दी गई। गुरुजी गत दो फरवरी से लापता थे। हत्या का आरोप उनकी जान पहचान की महिला और उसके एमबीबीएस छात्र पति पर है। महिला के कहने पर गुरुजी के शव को उसके भाई और जीजा ने देवबंद स्थित साखन नहर में फेंक दिया। इन दोनों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। जबकि, महिला और उसके पति की तलाश की जा रही है। शव को तलाशने के लिए भी पुलिस प्रयास कर रही है। पुलिस ने पकड़े गए दोनों आरोपियों को न्यायालय की अनुमति से तीन दिन की कस्टडी रिमांड में लिया है।

एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि गत सात फरवरी को पीठावाला, चंद्रबनी की रहने वाली निधि राठौर ने अपने पिता श्यामलाल गुरुजी (80 वर्ष) की गुमशुदगी दर्ज कराई थी। बताया था कि वह मोटरसाइकिल से घर से किसी काम के लिए निकले थे। कई दिनों तक रिश्तेदारों और जान पहचान वालों के यहां तलाश किया लेकिन उनका कहीं पता नहीं चला। इस पर पुलिस ने गुरुजी की तलाश शुरू की। कॉल डिटेल से पता चला कि गुरुजी ने उस दिन गीता नाम की एक महिला से कई बार बात की है।

मोबाइल की अंतिम लोकेशन भी गीता और उसके पति के मोबाइल की लोकेशन वाली जगह पर ही थी। इसके बाद पुलिस ने सीसीटीवी कैमरों की फुटेज चेक की तो पता चला कि गुरुजी उस दिन मोटरसाइकिल से किशननगर चौक होते हुए गीता के घर के पास पहुंचे थे। मगर, वापसी की कोई फुटेज पुलिस को नहीं मिली। पुलिस ने जब गीता के घर जाकर देखा तो गीता और उसका पति हिमांशु चौधरी (मूल निवासी नई बस्ती, सुनहरा रोड, रुड़की, हरिद्वार) वहां से गायब थे।

सर्विलांस के माध्यम से पता चला कि कुछ संदिग्ध मोबाइल नंबरों से भी गीता ने बात की है। इन नंबरों के आधार पर पुलिस गीता के मायके देवबंद तक पहुंच गई। यहां उसके भाई अजय कुमार से पूछताछ की गई। अजय ने पुलिस को बताया कि गीता का गत दो फरवरी को उसे फोन आया था। गीता ने बताया था कि उसने अपने पति के साथ मिलकर एक व्यक्ति की हत्या कर दी है। शव को ठिकाने लगाना है। गीता की बात सुनकर अजय कुमार तैयार हो गया और उसने अपने जीजा धनराज चावला को बुला लिया।

धनराज और अजय चार फरवरी को देहरादून पहुंचे और गुरुजी के शव को प्लास्टिक के कट्टे में रस्सियों से बांधकर कार की डिक्की में घरेलू सामान के साथ रख लिया। इसके बाद शव को साखन स्थित नहर में फेंक दिया। एसएसपी ने बताया कि पुलिस ने कैलाशपुर कॉलोनी देवबंद के रहने वाले धनराज और सनी कॉलोनी देवबंद के रहने वाले अजय को गिरफ्तार कर लिया है। अभी गीता और हिमांशु चौधरी का पता नहीं चल सका है। इनकी तलाश में तीन टीमें लगाई गई हैं। हिमांशु चौधरी शहर के एक मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहा है।

आरोपियों ने गत चार फरवरी को गुरुजी की मोटरसाइकिल को आईएसबीटी के पास एक खाली प्लॉट में खड़ा कर दिया था। मोटरसाइकिल की नंबर प्लेट भी तोड़कर वहीं झाड़ियों में फेंक दिया। ताकि, सबको लगे कि श्यामलाल मोटरसाइकिल यहां खड़ी कर बस से कहीं चले गए हैं। पुलिस ने यह मोटरसाइकिल और नंबर प्लेट भी बरामद कर ली है। पुलिस इन आरोपियों के आपराधिक इतिहास की जानकारी भी कर रही है। तीन दिनों की पुलिस कस्टडी रिमांड में लेकर पूछताछ की जा रही है।

श्यामलाल गुरुजी करीब 20 साल पहले राजकीय इंटर कॉलेज से सेवानिवृत्त हुए थे। उन्होंने पीठावाला में ही घर बना लिया था। यहां पर उनकी छोटी पुत्री उनके साथ रहती थी। जबकि, बड़ी बेटी की शादी हो चुकी है। श्यामलाल के गुम हो जाने के पांच दिन बाद उनकी पुत्री ने गुमशुदगी दर्ज कराई थी। बताया जा रहा है कि इसकी वजह यह भी है कि वह अक्सर घर से चले जाते थे। यही कारण था कि परिजनों ने उनकी पहले तलाश की और फिर पांच दिन बाद पुलिस को सूचना दी।

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