• Sat. Apr 19th, 2025

Paryavaran Vichar

Hindi News Portal

जिला पंचायत सदस्यों ने बोर्ड बैठक में खोला अपर मुख्य अधिकारी के खिलाफ मोर्चा

ByParyavaran Vichar

Jan 30, 2024

रुद्रपुर। जिला पंचायत की बोर्ड बैठक बिना अपर मुख्य अधिकारी की मौजूदगी में की गई। इसमें अपर मुख्य अधिकारी और वित्तीय परामर्शदाता के स्थानांतरण और निंदा प्रस्ताव पास किया गया। जिला पंचायत अध्यक्ष ने अपर मुख्य अधिकारी पर मनमानी का आरोप लगाया। अपर मुख्य अधिकारी बोर्ड की बैठक को नियमों के विपरीत करार दिया।

सोमवार सुबह 11 बजे जिला पंचायत कार्यालय सभागार में होने वाली बोर्ड बैठक में शामिल होने के लिए 24 सदस्य पहुंचे थे। अपर मुख्य अधिकारी तेज सिंह ने बोर्ड बैठक विधि सम्मत नहीं होने का हवाला देकर जिला पंचायत अध्यक्ष रेनू गंगवार को बैठक में शामिल होने से इन्कार कर दिया। जिला पंचायत अध्यक्ष ने पंचायती राज के संयुक्त निदेशक राजीव कुमार नाथ त्रिपाठी से फोन पर वार्ता की और कर अधिकारी अनुभव दिनेश तिवारी को बैठक के संचालन के लिए नामित कर दिया।

जिपं अध्यक्ष की अध्यक्षता में करीब एक घंटे तक चली बैठक में जिपं सदस्यों ने अपर मुख्य अधिकारी तेज सिंह और वित्तीय परामर्शदाता पर अनुशासनहीनता का आरोप लगाया। सदस्यों ने कहा कि शासन की ओर से जिला पंचायत सदस्य अमनदीप कौर और सद्दाम हुसैन की सदस्यता समाप्त नहीं की गई है। ऐसे में उन्होंने इन सदस्यों के क्षेत्रों में होने वाले विकास कार्यों को रोकने पर स्पष्टीकरण और प्रकरण को सदन में रखने की मांग उठाई। जिला पंचायत अध्यक्ष ने कहा कि बोर्ड बैठक में पारित प्रस्तावों पर कार्यवाही नहीं होती है तो वे न्यायालय की शरण लेंगी। वहां पर भागीरथी, चंद्रशेखर मुंडेला, गीता पांडे, अरविंद कुमार, त्रिलोक सिंह, अमर शंकर यादव, अनिमा सिंह, वीर सिंह, उदय सिंह, दुर्गेश कुमार आदि मौजूद थे।

मैंने बोर्ड की बैठक का एजेंडा जारी नहीं किया। उत्तर प्रदेश जिला पंचायत कार्यवाहियों का संचालन नियमावली के अनुसार बैठक नहीं हुई। विधि सम्मत बैठक न होने के कारण वे शामिल नहीं हुए। अधिनियम के अनुसार उनकी गैरमौजूदगी में कार्य अधिकारी सक्षम है। उनकी अनुमति के बिना बैठक संचालन करने वाले कर अधिकारी के खिलाफ भी नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। शासन को पत्र भी भेजेंगे। – तेज सिंह, अपर मुख्य अधिकारी

बोर्ड की बैठक में जिले भर के जलाशयों में मत्स्य ठेकों की सीबीआई जांच कराने का प्रस्ताव पारित किया गया। सदस्य उदय राणा ने इस पर सहमति नहीं जताई। कहा कि पूर्व की बैठक में यह प्रस्ताव पारित नहीं हुआ था। मछली विभाग से बोर्ड का कोई मतलब नहीं है। इसलिए इस प्रस्ताव को न रखा जाए। आशना अहमद ने कहा कि पहले हम अपने मसले को सुलझाएं। जो बजट है, उससे क्षेत्रों में विकास कार्य कराएं जाएं। आचार संहिता लगने वाली है। ऐसे में बोर्ड के कार्यों को पहले प्राथमिकता दी जाए। सदस्यों ने बैठक में डीएम, सीडीओ व एसएसपी आमंत्रित करने, जिपं की लीज पूरी होने पर कब्जेदारों को नोटिस जारी कर सख्त कार्रवाई करने, अतिक्रमण में लिप्त अधिकारी को हटाने, 20 लाख से अधिक बजट के कामों को निरस्त करने के बजाय बजट कम कर उनको पूरा कराने, मनरेगा के कार्यों की जिला पंचायत को कार्यदायी संस्था बनाए जाने समेत 14 सूत्री प्रस्ताव पारित किए गए।

अपर मुख्य अधिकारी तेज सिंह ने 27 जनवरी को पंचायती राज मंत्री के निजी सचिव, सचिव व जिला स्तरीय अधिकारियों को पत्र भेज दिया था। जिसमें कहा था कि 13 दिसंबर को जिला पंचायत बोर्ड बैठक संबंधी प्रस्ताव तैयार कर 16 दिसंबर को जिला पंचायत अध्यक्ष को उपलब्ध कराया। अध्यक्ष ने एक महीने बाद 19 जनवरी को 15 दिसंबर की तिथि अंकित कर वापस की। आरोप लगाया कि जिला पंचायत अध्यक्ष ने खुद एजेंडा तैयार किया, जो नियमावली का उल्लंघन है। उन्होंने इस संबंध में शासन से मार्गदर्शन भी मांगा था। उन्होंने सरकार को लिखे पत्र में भी साफ कहा था कि जिला पंचायत कार्यालय की ओर से अधिकृत रूप से बैठक का कोई एजेंडा जारी नहीं किया गया। उन्होंने जिपं अध्यक्ष और सदस्यों को भी कोई अधिकृत सामान्य बैठक का आयोजन 29 जनवरी को नहीं होने का पत्र लिखा था। यह भी कहा था कि बोर्ड बैठक के बारे में अलग से सूचित किया जाएगा।

By Paryavaran Vichar

उत्तराखण्ड की राजधानी देहरादून से प्रकाशित हिंदी समाचार पोर्टल पर्यावरण विचार एक ऐसा माध्यम है, जो हिंदी भाषा में लोगों को ताज़ा और महत्वपूर्ण समाचार प्रदान करता है। हिंदी समाचार पोर्टल पर्यावरण विचार द्वारा लोग उत्तराखण्ड के साथ-साथ फीचर, खेल, मनोरंजन, राजनीतिक, आलेख और राष्ट्रीय समाचारआदि के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *